जैसे रात में सितारे मिलते है
जैसे दिन में बादल उड़ते है
जैसे परिंदे के जोड़े घर के लिए पेड़ ढूंढते है
हम भी वैसे ही मिलते है
जैसे नदियाँ सैर पर निकलती है
जैसे किरणे पहेली खेलती है
जैसे बर्फ पहाड़ो से मिलती है
हम भी वैसे ही मिलते है
जैसे लहरें आकर पैरों को छूती है
जैसे हवा दुप्पटे से लिपटती है
जैसे दो सड़के एक रस्ते पे मिलती है
हम भी वैसे ही मिलते है|